डुमरियागंज,संतकबीर नगर,जौनपुर सदर,जौनपुर मछलीशहर (सुरक्षित),फूलपुर में प्रत्याशियों की घोषणा कर जातिगत समीकरण साधने का प्रयास सपा 

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जातिगत समीकरण साधने के प्रयास 

डुमरियागंज,संतकबीर नगर,जौनपुर सदर,जौनपुर मछलीशहर (सुरक्षित),फूलपुर में प्रत्याशियों की घोषणा कर जातिगत समीकरण साधने का प्रयास सपा 

 ओजस्वी किरण ब्यूरो लखनऊ 

लखनऊ । समाजवादी पार्टी ने रविवार को डुमरियागंज और संतकबीर नगर में प्रत्याशियों की घोषणा कर जातिगत समीकरण साधने का प्रयास किया है।डुमरियागंज से प्रत्याशी बनाए गए भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी संतकबीर नगर से दो बार सांसद रह चुके हैं। पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बड़े बेटे कुशल तिवारी पहली बार वह 2008 के उपचुनाव में बसपा के टिकट पर खलीलाबाद से सांसद बने थे। इसके बाद 2009 में बसपा के टिकट पर ही लोकसभा पहुंचे। 2014 और 2019 के चुनाव में उन्हें संतकबीर नगर से भाजपा प्रत्याशी क्रमशः शरद त्रिपाठी और प्रवीण निषाद के हाथों हार का सामना करना पड़ा। सपा ने अब उन्हें भाजपा प्रत्याशी जगदंबिका पाल के खिलाफ डुमरियागंज से प्रत्याशी बनाया है।30 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाली डुमरियागंज लोकसभा सीट से कुशल तिवारी को प्रत्याशी बनाकर सपा ने मुसलमान, यादव के साथ ब्राह्मण मतदाताओं को भी साधने का प्रयास किया है। इसके अलावा संतकबीर नगर में सपा ने मेहदावल के पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी में राज्य मंत्री रहे पप्पू निषाद को प्रत्याशी बनाकर निषाद समीकरण में सेंधमारी का प्रयास किया है। संतकबीर नगर में निषाद मतदाता 20 प्रतिशत से ज्यादा हैं।
इन दोनों लोकसभा सीटों पर अब बसपा का प्रत्याशी यहां के मुकाबले की रोचकता को तय करेगा।

बाबू सिंह कुशवाहा पर सपा ने जौनपुर में लगाया दांव

जौनपुर सदर संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने बाबू सिंह कुशवाहा पर दांव लगाया है। बांदा जिले की पखरौली गांव के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले कुशवाहा ने 1985 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। अप्रैल 1988 में वह बसपा संस्थापक कांशीराम के संपर्क में आए। वह 1993 में बांदा के बसपा जिलाध्यक्ष बने। 2003 में उन्हें बसपा ने पंचायतीराज मंत्री बनाया। 2007 में जब बसपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई तो कुशवाहा को खनिज ,नियुक्ति ,सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिले। जब परिवार कल्याण विभाग का गठन हुआ तो यह विभाग भी उन्हें सौंप दिया गया। उन्हें वर्षों तक मायावती का सबसे करीबी माना जाता था। वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य और दो बार कैबिनेट मंत्री रहे। कुशवाहा भाजपा में भी शामिल हुए थे, लेकिन पार्टी में असंतोष की आवाजें उठने लगी। इसके बाद उन्होंने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को पत्र लिखकर निर्दोष साबित होने तक अपनी सदस्यता निलंबित करने का अनुरोध किया था। इसके बाद जनअधिकार का पार्टी का गठन किया था। अब उन्हें जौनपुर से सपा का प्रत्याशी बनाया गया है।

पूर्व सांसद तूफानी सरोज की बेटी प्रिया पर सपा ने लगाया दांव

जौनपुर मछलीशहर (सुरक्षित) संसदीय क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट की युवा अधिवक्ता प्रिया सरोज समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी होंगी। सपा ने रविवार को उनकी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी। यह मछलीशहर के पूर्व सांसद तूफानी सरोज की अविवाहित पुत्री हैं। लगभग 26 वर्षीय प्रिया सरोज वाराणसी जनपद के पिंडरा तहसील के करखियांव की मूल निवासी हैं। इन्होंने 18 वर्ष की उम्र पार करते ही सपा की न केवल सक्रिय सदस्यता ले ली थी बल्कि पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में भी सक्रिय भागीदारी निभाती हैं। इन्होंने नोएडा से एलएलबी की डिग्री हासिल की है। प्रिया काफी पहले से अपने पिता की राजनीतिक सक्रियता में अहम भूमिका निभाती रही हैं।

परिसीमन के बाद आरक्षित मछलीशहर से पहले सांसद रहे तूफानी सरोज

जौनपुर: केराकत से सपा विधायक तूफानी सरोज न केवल परिसीमन के बाद आरक्षित हुए मछलीशहर संसदीय क्षेत्र से पहले सांसद चुने गए थे। इसके पहले तूफानी सरोज तत्कालीन सैदपुर संसदीय क्षेत्र से दो बार सपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे।

विधानसभा में काटा टिकट, अब सपा ने अमरनाथ को फूलपुर से बनाया प्रत्याशी

फूलपुर संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी ने रविवार को उम्मीदवार की घोषणा कर दी। पार्टी ने यहां से अमरनाथ मौर्या को प्रत्याशी घोषित किया है। अमरनाथ मौर्या पार्टी में प्रदेश सचिव भी हैं। प्रीतम नगर के रहने वाले अमरनाथ मौर्या लंबे समय तक बहुजन समाज पार्टी में रह चुके हैं। वर्ष 2002 में शहर पश्चिम से बसपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं।हालांकि उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा वह बसपा में कई पदों पर भी रह चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी में भी वह काफी समय तक रहे हैं। वर्ष 2022 में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ उन्होंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में शहर पश्चिम से सपा ने उन्हें टिकट भी दिया था, लेकिन नामांकन के अंतिम दिन समाजवादी पार्टी ने ऋचा सिंह को टिकट दे दिया, जिस कारण अमरनाथ मौर्या चुनावी दंगल से बाहर हो गए थे। हालांकि शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें आश्वासन दिया था कि लोकसभा चुनाव में उनके नाम पर विचार किया जाएगा। फूलपुर संसदीय सीट से अमरनाथ मौर्या ने दावेदारी पेश की थी, जिस पर रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके नाम की घोषणा कर दी।

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