लखनऊ में आयकर अपीलीय अधिकरण (आईटीएटी) के कार्यालय-सह-आवासीय परिसर का हुआ उदघाटन, टैक्स से संबंधित विवादों का होगा निपटारा

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लखनऊ में आयकर अपीलीय अधिकरण (आईटीएटी) के कार्यालय-सह-आवासीय परिसर का हुआ उदघाटन, टैक्स से संबंधित विवादों का होगा निपटारा

जयपुर, बैंगलोर और कटक के बाद लखनऊ में आईटीएटी को मिली चौथी बिल्डिंग

केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने वर्चुअली किया उदघाटन

आईटीएटी इज ऑफ लिविंग का उदाहरण,कोविड के दौरान ई- हिअरिंग, फेसलेसअसेसमेंट से बनाई लोगों की जिंदगी आसान : अर्जुन राम मेघवाल

ओजस्वी किरण डेक्स लखनऊ 

लखनऊ । आयकर अपीलीय अधिकरण भवन का लखनऊ में वर्चुअली उदघाटन करते हुए केंद्रीय विधि और न्याय (स्वतंत्र प्रभार), संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री,भारत सरकार  अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि आईटीएटी सभी ट्रिब्यूनल की मदर ट्रिब्यूनल है । जिस तरह से अधिकरण लोगों के विवादों का निस्तारण करता है यह इज ऑफ लिविंग का सबसे बड़ा उदाहरण है।उन्होंने कहा कि विवाद से विश्वास स्कीम 2020 के अंतर्गत करदाताओं को केवल विवादित करों की राशि का भुगतान ही करना था, से संबंधित मामलों का आईटीएटी ने अच्छे से निपटारा किया।श्री मेघवाल ने कहा कि कोविड के दौरान आईटीएटी ने ई- हिअरिंग, फेसलेसअसेसमेंट से लोगों के जीवन को आसान बनाया।केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जापान और जर्मनी को पीछे करके भारत शीघ्र तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगाl

आयकर अपीलीय अधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस सी. वी. भडंग ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जयपुर,बैंगलोर और कटक के बाद आयकर अपीलीय अधिकरण को चौथा भवन लखनऊ में मिला है। उन्होंने कहा कि आईटीएटी में लंबित मामलों की संख्या कम और निस्तारित किए गए केसों की संख्या बढ़ती जा रही है। जी. एस. पन्नू, उपाध्यक्ष, आयकर अपीलीय अधिकरण, (दिल्ली और अहमदाबाद क्षेत्र) और  शक्तिजीत डे, उपाध्यक्ष, आयकर अपीलीय अधिकरण, (लखनऊ और पुणे क्षेत्र) भी समारोह में उपस्थित रहे ।

आयकर अपीलीय अधिकरण की लखनऊ बेंच का इतिहास

प्रारम्भिक तौर पर उत्तर प्रदेश के 16 जिलों पर क्षेत्राधिकार के साथ, आयकर अपीलीय अधिकरण, लखनऊ बेंच ने वर्ष 2001 में किराए के परिसर PICUP भवन, विभूति खंड, गोमती नगर, लखनऊ में कार्य करना शुरू किया। वर्ष 2004 में लखनऊ में एक अतिरिक्त पीठ का गठन किया गया। वर्ष 2004 में ही इसे जाचलिक (जोनल) कार्यालय घोषित किया गया जिसके क्षेत्राधिकार में लखनऊ, इलाहाबाद और जबलपुर खंडपीठ थे। वर्ष 2018 में वाराणसी सर्किट बेंच को भी इसके अधिकार क्षेत्र में जोड़े जाने के पश्चात अब लखनऊ आंचलिक (जोनल) कार्यालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत लखनऊ, इलाहाबाद, जबलपुर और वाराणसी सर्किट बेंच तथा इन पीठों के अंतर्गत आने वाले 72 जिले भी आते हैं। आंचलिक कार्यालय की मर्यादा के लिए उपयुक्त स्थान एवं बुनियादी ढांचे की कमी और करदाताओं की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए आयकर अपीलीय अधिकरण को पर्याप्त स्थान और आधुनिक प्रोद्योगिकी से युक्त अपने स्वयं के स्वामित्व वाले भवन के निर्माण का प्रस्ताव देने के लिए प्रेरित किया। विधि एवं न्याय मंत्रालय ने इस परियोजना को त्वरित मंजूरी दी। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने 0.7 हेक्टेअर का यह भूखंड रुपये 22,48,06,736/- (बाईस करोड़ अडतालीस लाख छह हजार सात सौ छतीस रुपये) में प्रदान किया जिसके लिए हम उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद और उत्तर प्रदेश सरकार के ऋणी हैं। अधिकरण के इस नए अत्याधुनिक भवन का निर्माण सीपीडब्ल्यूडी द्वारा किया गया है जिसकी निर्माण लागत 24.38 करोड़ (चौबीस करोड़ अड़तीस लाख रुपये) आयी है। इसमें दो आधुनिक न्यायालय कक्ष, न्यायिक अधिकारियों और उनके सचिवीय कर्मचारियों, रजिस्ट्री अधिकारियों और रजिस्ट्री स्टाफ के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित कक्ष, सम्मेलन कक्ष और एक सुसज्जित पुस्तकालय इत्यादि सभी आधुनिक सुविधाएं, जिनमें दिब्यांगों के लिए यथोचित सुविधा भी शामिल है, उपलब्ध कराई गयी हैं।

संबंधित व्यक्तियों जैसे आयकर विभाग के प्रतिनिधियों के लिए कक्ष, अधिवाक्तागण एवं चार्टर्ड अकाउंटेंटस के लिए बार एसोसिएशन रूम तथा वादियों के लिए बैठने की पर्याप्त जगह के साथ विशाल लाउंज हैं। आधुनिकता के साथ कदम मिलाते हुए नई इमारत में वर्चुअल और हाइब्रिड सुनवाई की सुविधाओं के साथ आधुनिक कोर्ट रूम, ई-कोर्ट और इसे अन्य पीठों से जोड़ने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं उपलब्ध हैं जो कुशल प्रशासन और न्याय वितरण में बहुत मददगार साबित होगी। यह परिसर उत्तर भारत में आयकर अपीलीय अधिकरण के अपने स्वामित्व वाला पहला भवन है।

माननीय सदस्यों के लिए आवासीय सुविधा सुनिश्चित करने के लिए, इसी परिसर के आवासीय खंड में टाइप-VII के दो आवासीय बंगले और रजिस्ट्री अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कुल चौदह आवासीय क्वार्टरों का निर्माण किया गया है। आधारभूत आवश्यकताओं के पूर्ति के अलावा, परिसर के निर्माण की योजना बनाते समय इसके पर्यावरण मैत्रीपूर्ण होने की तरफ समुचित ध्यान दिया गया है । वृक्षारोपण के अलावा 50 किलो वाट क्षमता वाले सौर पैनल लगाये गए हैं । इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स के लिए चार्जिंग पॉइंट दिए गए हैं। सुरक्षा की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी तथा गार्ड रूम के अतिरिक्त आधुनिक तकनीक पर आधारित कौपर फायर अलार्म भी उपलब्ध कराया गया है । शहर के केंद्रीय स्थान में स्थित होने, सुनियोजित उपयोगी नागरिक सुविधाओं, परिवहन सुविधाओं की सहज उपलब्धता और चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से निकटता के कारण, यह इमारत उपयोगकर्ताओं के लिए अत्यधिक अनुकूल है। आयकर अपीलीय अधिकरण के नए विशाल भवन की, भव्यता लखनऊ शहर की अ‌द्वितीय सुंदरता में चार चाँद लगाने के साथ ही लोक हित के उद्देश्य को भी पूरा करेगी।

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