अम्बेडकर मेला की तैयारियां पूर्ण,भव्यता के साथ मानेगी अम्बेडकर जयंती
जयंती के मौके पर अपनी एकजुटता दिखाएगा बहुजन समाज
ओजस्वी किरण संवाददाता
प्रयागराज। ज्ञान के प्रतीक राष्ट्रनायक बोधिसत्व डा. बाबासाहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर जी की 134वीं जयंती के जरिए प्रयागराज में बहुजन समाज से ताल्लुक रखने वाले हक वंचित समाज की आवाज डा. अम्बेडकर वेलफेयर नेटवर्क (डान) पिछले पहली फरवरी से संविधान के सम्मान में संविधान पदयात्रा निकाल कर हक वंचित परिवारों को जोड़ने का भी काम किया। यही वजह है कि डान इस बार जिला स्तर पर डा. अम्बेडकर जयंती का कार्यक्रम हाईकोर्ट स्थित डा. अम्बेडकर मूर्ति स्थल पर आयोजित कर रहा है। डान संस्थापक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज ने पूछे जाने पर बताया कि इस बार डान के कार्यकर्ता अपने परिवारों के साथ अम्बेडकर जयंती में आयेंगे और बाबा साहेव को अपनी अपनी श्रद्धांजलि देकर जमीन के राष्ट्रीयकरण के साथ भूमिहीन खेतिहर मजदूरों में ग्रामसमाज की जमीन खाली करवाकर भूमिहीनों में आवासीय और कृषि कार्य का पट्टा कराने का संकल्प भी लेंगे। इससे डान कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्य भी डान की रीति-नीति को समझ सकेंगे और डान से जुड़ेंगे।
डान पिछले 26 नवम्बर को सिविल लाईन स्थित धरना स्थल पर संविधान दिवस के पवन अवसर पर संविधान मेला और 26 जनवरी को जारी बाजार में गणतंत्र दिवस पर गणतंत्र महोत्सव तथा 12 फरवरी को करमा में रैदास जयंती पर संत सम्मेलन करके अपनी एकजुटता प्रदर्शित कर चुका है। डान संस्थापक ने बहुजन समाज की गैरराजनैतिक जड़ों की मजबूती हेतु कार्यकर्ताओं से यह अपील भी की है कि वे डा. अम्बेडकर जी की तरह अन्य बहुजन संतो, गुरुओ और महापुरुषों की जयंती आने पर पूरे परिवार के साथ शामिल होंकर भव्यता के साथ उनकी जयंती मनाए, खासकर परिवार के युवाओं को जरूर साथ लेकर आये। डा. बाबासाहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर जी की जयंती पर डान 14 अप्रैल को प्रयागराज स्थित हाईकोर्ट चौराहे पर स्थापित डा. अम्बेडकर मूर्ति स्थल पर एक दिवसीय “समानता के संघर्ष का डा. अम्बेडकर मेला-2025” के तहत “वैश्विक परिदृश्य में डा. अम्बेडकर” विषयक संगोष्ठी का भी आयोजन किया है।
इस वर्ष 14 अप्रैल को यमुनापार से डॉन के हजारों कार्यकर्ता नया यमुनापुल बैरहना से भांगड़े के साथ नाचते गाते खुशियां मनाते हाईकोर्ट स्थित डा. अम्बेडकर मूर्ति स्थल तक बतौर शोभायात्रा निकालते हुए शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक ढंग से पहुंचेंगे। एक और जहां अम्बेडकर जयंती पर हाईकोर्ट पर आयोजित एकदिवसीय समानता के संघर्ष का डा. अम्बेडकर मेला में आयोजित संगोष्ठी में बहुजन समाज का बौद्धिक वर्ग अपनी वैचारिकी से बहुजन समाज का सामाजिक और सांस्कृतिक मार्ग सशक्त और प्रशस्त करते हुए नजर आएगा तो वहीं दूसरी ओर यमुनापार की दर्जनों बहुजन बाहुल्य बस्तियों में खोली गई प्रबुद्ध पाठशाला की तीन दर्जन से अधिक बच्चों द्वारा बहुजन महापुरुषों के जीवन पर आधारित नृत्य , नाटक व गायन की प्रस्तुतियों से डा. अम्बेडकर मेल को भव्यता प्रदान करते हुए बहुजन समाज की गैरराजनीतिक जड़ों को सशक्त और प्रशस्त करते हुए नजर आएगा।

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