उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक की सक्रियता से बची पत्रकार की जान, साथ में जाकर पीजीआई में कराया भर्ती, अस्पताल का चार्ज भी खुद दीया
पत्रकारों का दिल जीत लिया उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने
ओजस्वी किरण डेक्स
लखनऊ। मान्यता प्राप्त पत्रकार एकादश और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एकादश के बीच में सेमीफाइनल का मैच केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खेला जा रहा था, फील्डिंग के दौरान कप्तान राघवेन्द्र प्रताप सिंह को अटैक आया, वह बिना बताए अपने ड्राइवर के सहयोग से सिविल हॉस्पिटल में एडमिट हो गए, सिविल अस्पताल में उनका तत्काल इलाज शुरू हुआ, 4 इंजेक्शन लगाए गए और भी औपचारिकताएं पूरी की गई, मैच समाप्त होने के बाद पता चला कि राघवेंद्र भाई को अटैक आया है और वह सिविल अस्पताल में एडमिट हैं, मीडिया के साथी सिविल अस्पताल पहुंचे, पत्रकार साथियों ने राघवेन्द्र सिंह से मुलाकात की, साथियों को महसूस हुआ कि राघवेन्द्र की तबीयत ठीक नहीं है, तभी एक पत्रकार साथी ने तुरंत उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को फोन किया, सारी घटना की जानकारी दी और बृजेश पाठक डायल 112 से भी तेज सिविल अस्पताल पहुंच गए, साथ में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी मौजूद थे, दोनों नेताओं ने अपने सारे कार्यक्रम को छोड़कर सिविल अस्पताल पहुंच कर डॉक्टर से बात की और पता चला कि यह मेजर अटैक है, जिसमें जान का खतरा बना हुआ है, अविलंब बृजेश पाठक ने पीजीआई में बात की, मरीज को एंबुलेंस में शिफ्ट कराकर आगे एंबुलेंस और पीछे बृजेश पाठक व प्रदेश अध्यक्ष का काफिला पीजीआई की ओर निकला और उसके पीछे पत्रकार साथी लोग भी दूसरी गाड़ी में मौजूद थे, रास्ते में भर्ती प्रक्रिया से संबंधित सारी बात हो गई, पीजीआई में संबंधित डॉक्टर पेशेंट का इंतजार कर रहे थे। पहुंचने पर पेशेंट को पीजीआई में एडमिट किया गया। डॉक्टरों से पता चला कि तुरंत ऑपरेशन होगा और स्टंट डाला जाएगा। तत्काल औपचारिकता पूरी करके ऑपरेशन थिएटर में मरीज को भेज दिया गया, 50 मिनट तक ऑपरेशन के दौरान एक स्टंट डाला गया, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने ₹55000 तुरंत जमा जमा किए और उन्होंने कहा कि जो आवश्यकता पड़ेगी उसको भी देंगे, जिस तरह की तत्परता उपमुख्यमंत्री ने दिखाई और लगभग तीन से चार घंटे पत्रकार साथियों के साथ रहे।ऐसा देखकर पत्रकार भी दंग रह गए और उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है कि कोई व्यक्ति इस पद पर रहते हुए चुनाव के समय में इस तरह का कार्य करे। उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली को देखकर सभी पत्रकार मन ही मन यह सोचने लगे कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी पर होते हुए इतना समय निकालना बड़ी बात है। आज उपमुख्यमंत्री की सक्रियता से, उनके समय देने से, तत्काल ऑपरेशन होने के कारण हमारे साथी, हमारे टीम के कप्तान राघवेंद्र प्रताप सिंह की जान बच गई, अब वह खतरे से बाहर हैं, एक या दो दिन में हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो जाएंगे…।

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